पारंपरिक छप्परों के वास्तु शास्त्र में शास्त्रीय नियम और उपदेश

पारंपरिक छप्परों के वास्तु शास्त्र में शास्त्रीय नियम और उपदेश

1. पारंपरिक छप्परों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमिभारत में पारंपरिक छप्पर न केवल ग्रामीण जीवन का अभिन्न हिस्सा रहे हैं, बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार भी इनका विशेष महत्व है। ये छप्पर…
बेडरूम संबंधी सामान्य वास्तु दोष और उनके सरल उपाय

बेडरूम संबंधी सामान्य वास्तु दोष और उनके सरल उपाय

1. बेडरूम का दिशा निर्धारण और महत्ववास्तु शास्त्र में बेडरूम की सही दिशाभारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम की दिशा जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। सही दिशा में बना…
पारंपरिक और आधुनिक भारतीय घरों में वास्तु अनुसार शयनकक्ष की सजावट

पारंपरिक और आधुनिक भारतीय घरों में वास्तु अनुसार शयनकक्ष की सजावट

भारतीय शयनकक्ष की वास्तु में भूमिकाभारतीय घरों में वास्तु शास्त्र का एक विशेष स्थान है। प्राचीन काल से ही वास्तु शास्त्र को जीवन के हर पहलू, खासकर घर की बनावट…
सोने के कमरे में वास्तु दोष और समाधान हेतु उपयुक्त क्रिस्टल का चयन

सोने के कमरे में वास्तु दोष और समाधान हेतु उपयुक्त क्रिस्टल का चयन

1. सोने के कमरे में वास्तु दोष की पहचानघर में सुख-शांति और स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए अपने शयनकक्ष में वास्तु दोष को पहचानना आवश्यक है। भारतीय संस्कृति में माना…
शयन कक्ष में नकारात्मक ऊर्जा के लक्षण व वास्तु सुधार के उपाय

शयन कक्ष में नकारात्मक ऊर्जा के लक्षण व वास्तु सुधार के उपाय

1. शयन कक्ष में नकारात्मक ऊर्जा के सामान्य लक्षणशयन कक्ष, यानी हमारा बेडरूम, विश्राम और मानसिक शांति का स्थान होता है। अगर इस जगह पर नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) मौजूद…
भूमि चयन और आधारभूत विज्ञान: भारतीय वास्तु के संदर्भ में

भूमि चयन और आधारभूत विज्ञान: भारतीय वास्तु के संदर्भ में

भूमि चयन के पारंपरिक सिद्धांतभारतीय वास्तु शास्त्र में भूमि चयन को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों और शास्त्रों में भूमि का चयन करते समय अनेक परंपरागत नियम…
स्वागत कक्ष में अरोमा, सुगंध और जल तत्वों का उपयोग

स्वागत कक्ष में अरोमा, सुगंध और जल तत्वों का उपयोग

1. स्वागत कक्ष में अरोमा का महत्वभारतीय सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अरोमा का उपयोगभारत में स्वागत कक्ष, जिसे अक्सर अतिथि कक्ष या लिविंग रूम कहा जाता है, केवल एक आरामदायक स्थान…
वास्तु शास्त्र और अर्धचुंबकीय क्षेत्र: विज्ञान के आयाम

वास्तु शास्त्र और अर्धचुंबकीय क्षेत्र: विज्ञान के आयाम

1. वास्तु शास्त्र का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ववास्तु शास्त्र की उत्पत्तिवास्तु शास्त्र भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीनतम वास्तुकला प्रणाली है, जिसकी जड़ें वैदिक युग तक फैली हुई हैं। यह विद्या न…
राहु-केतु के कुप्रभाव से बचाव हेतु वास्तु रत्न और धातुएँ

राहु-केतु के कुप्रभाव से बचाव हेतु वास्तु रत्न और धातुएँ

1. राहु-केतु के प्रभाव: एक संक्षिप्त परिचयभारतीय ज्योतिष में राहु और केतु दो छाया ग्रह माने जाते हैं, जिनका मानव जीवन, व्यवसाय और वित्तीय स्थिति पर गहरा प्रभाव होता है।…
स्वागत कक्ष में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के वास्तु उपाय

स्वागत कक्ष में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के वास्तु उपाय

1. स्वागत कक्ष की दिशा और स्थान का चयनवास्तु शास्त्र में स्वागत कक्ष की महत्ताभारतीय परंपरा में स्वागत कक्ष (Drawing Room या Living Room) को घर की सकारात्मक ऊर्जा का…