पारंपरिक ग्रामीण घरों में गोशाला और आंगन का सामाजिक महत्व

पारंपरिक ग्रामीण घरों में गोशाला और आंगन का सामाजिक महत्व

ग्रामीण भारत में पारंपरिक घरों की संरचनापारंपरिक भारतीय गाँवों में घरों की संरचना स्थानीय जलवायु, सामाजिक आवश्यकताओं और सांस्कृतिक परंपराओं का सुंदर मिश्रण होती है। इन घरों का निर्माण मुख्यतः…
कार्यालय में कुर्सी और टेबल के प्लेसमेंट पर वास्तु आधारित पूर्ण गाइड

कार्यालय में कुर्सी और टेबल के प्लेसमेंट पर वास्तु आधारित पूर्ण गाइड

कार्यालय में वास्तु का महत्वकार्यालय में कुर्सी और टेबल के प्लेसमेंट पर वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। भारतीय व्यापारिक संस्कृति में यह माना जाता है कि सही दिशा और…
सीढ़ियों के ऊपर छत का आकार और उंचाई: वास्तु दृष्टि से समंजन

सीढ़ियों के ऊपर छत का आकार और उंचाई: वास्तु दृष्टि से समंजन

1. परिचय: सीढ़ियों के ऊपर छत की भूमिका भारतीय वास्तु मेंभारतीय वास्तुशास्त्र में घर या भवन की संरचना में प्रत्येक तत्व का विशेष महत्व होता है, जिसमें सीढ़ियों के ऊपर…
शकुन और अपशकुन: कॉन्फ्रेंस रूम में रखे जाने वाले वस्त्र, पेंटिंग्स एवं अन्य डेकोर के वास्तु उपाय

शकुन और अपशकुन: कॉन्फ्रेंस रूम में रखे जाने वाले वस्त्र, पेंटिंग्स एवं अन्य डेकोर के वास्तु उपाय

वास्तु के अनुसार कॉन्फ्रेंस रूम की भूमिकाभारतीय वास्तुशास्त्र में किसी भी ऑफिस स्पेस की संरचना एवं सजावट का विशेष महत्त्व है। कॉन्फ्रेंस रूम न केवल मीटिंग्स और विचार-विमर्श के लिए…
वास्तु शास्त्र, मुहूर्त, और ग्रहों का मेल: घर निर्माण की आदर्श विधि

वास्तु शास्त्र, मुहूर्त, और ग्रहों का मेल: घर निर्माण की आदर्श विधि

वास्तु शास्त्र का महत्व और मूल सिद्धांतभारत में वास्तु शास्त्र का इतिहास अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। यह विद्या वैदिक काल से चली आ रही है, जब भवन निर्माण को…
वास्तु शास्त्र के ऐतिहासिक समर्पित आचार्य और उनके योगदान

वास्तु शास्त्र के ऐतिहासिक समर्पित आचार्य और उनके योगदान

वास्तु शास्त्र का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्यवास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की एक प्राचीन विद्या है, जिसका उल्लेख वेदों और पुराणों में मिलता है। इसकी उत्पत्ति सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान…
पारंपरिक छप्परों के संरक्षण में सरकार और गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका

पारंपरिक छप्परों के संरक्षण में सरकार और गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका

1. परिचयभारत में पारंपरिक छप्परों का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व अत्यंत गहरा है। ये छप्पर न केवल ग्रामीण जीवनशैली की पहचान हैं, बल्कि भारतीय वास्तुकला की विविधता और प्रकृति के…
प्लॉट चयन में पंचतत्व का विचार कैसे किया जाए?

प्लॉट चयन में पंचतत्व का विचार कैसे किया जाए?

पंचतत्व (पांच तत्व) का भारतीय सांस्कृतिक महत्त्वभारतीय वास्तु और संस्कृति में पंचतत्व—भूमि, जल, अग्नि, वायु, आकाश—को सृष्टि की आधारशिला माना जाता है। ये पांच तत्व न केवल मानव जीवन के…
गांवों की पारंपरिक वास्तु शैली में परिवार की संरचना और सामाजिक संबंध

गांवों की पारंपरिक वास्तु शैली में परिवार की संरचना और सामाजिक संबंध

1. गांवों की पारंपरिक वास्तु: परिचयभारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक वास्तुशिल्प न केवल निर्माण की एक शैली है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति, सामाजिक संबंध और परिवारिक संरचना का भी…
मुख्य द्वार के रंग और वास्तु में उनका महत्व

मुख्य द्वार के रंग और वास्तु में उनका महत्व

1. मुख्य द्वार का पारंपरिक महत्वभारतीय वास्तु शास्त्र और सांस्कृतिक परंपराओं में मुख्य द्वार को विशेष रूप से शुभता, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश द्वार के रूप में देखा…