स्थायी विकास और पर्यावरण संतुलन में पंचतत्त्व का योगदान

स्थायी विकास और पर्यावरण संतुलन में पंचतत्त्व का योगदान

1. परिचय: पंचतत्त्व की भारतीय अवधारणाभारतीय संस्कृति में पंचतत्त्व – भूमि (पृथ्वी), जल, अग्नि, वायु और आकाश – न केवल सृष्टि के मूलभूत तत्व माने जाते हैं, बल्कि ये हमारे…
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का महत्व और नकारात्मक ऊर्जा

वास्तु शास्त्र में दिशाओं का महत्व और नकारात्मक ऊर्जा

1. वास्तु शास्त्र की मूल अवधारणावास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, जिसकी जड़ें प्राचीन काल में गहराई तक फैली हुई हैं। यह विद्या न केवल भवन…
भारतीय सम्राटों और राजवंशों द्वारा वास्तु शास्त्र का संरक्षण

भारतीय सम्राटों और राजवंशों द्वारा वास्तु शास्त्र का संरक्षण

1. भारतीय राजवंशों का वास्तु शास्त्र से परिचयभारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता में वास्तु शास्त्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। प्राचीन भारत में वास्तु शास्त्र केवल भवन निर्माण…
देखे न जाने वाले डर और बच्चों का व्यवहार

देखे न जाने वाले डर और बच्चों का व्यवहार

1. देखे न जाने वाले डर: भारतीय सन्दर्भ में समझभारतीय समाज में बच्चों के मन में छुपे हुए या स्पष्टीकरण न किए जा सकने वाले डर एक आम अनुभव हैं।…
धातुओं, रत्नों और पंचतत्त्व: भारतीय वास्तु विज्ञान और ज्योतिष शास्त्र में

धातुओं, रत्नों और पंचतत्त्व: भारतीय वास्तु विज्ञान और ज्योतिष शास्त्र में

1. भारतीय वास्तु विज्ञान की भूमिका में धातुओं और रत्नों का महत्त्वभारतीय वास्तु विज्ञान, जिसे प्राचीन समय से ही जीवन के हर पहलू में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा प्रवाह हेतु…
मुगल काल में स्थापत्य कला एवं वास्तु शास्त्र का मिलन

मुगल काल में स्थापत्य कला एवं वास्तु शास्त्र का मिलन

मुगल काल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमिमुगल काल भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण युग माना जाता है। इस युग की शुरुआत 16वीं सदी में बाबर द्वारा दिल्ली की सत्ता…
वास्तु शास्त्र के ऐतिहासिक समर्पित आचार्य और उनके योगदान

वास्तु शास्त्र के ऐतिहासिक समर्पित आचार्य और उनके योगदान

वास्तु शास्त्र का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्यवास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की एक प्राचीन विद्या है, जिसका उल्लेख वेदों और पुराणों में मिलता है। इसकी उत्पत्ति सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान…
रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों में वास्तु शास्त्र का उल्लेख

रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों में वास्तु शास्त्र का उल्लेख

1. रामायण और महाभारत में वास्तु शास्त्र का ऐतिहासिक महत्वभारतीय सभ्यता के दो प्रमुख महाकाव्य – रामायण और महाभारत – न केवल धार्मिक और नैतिक मूल्यों के द्योतक हैं, बल्कि…
आधुनिक जीवनशैली और वास्तु दोष: भारतीय शहरी परिप्रेक्ष्य

आधुनिक जीवनशैली और वास्तु दोष: भारतीय शहरी परिप्रेक्ष्य

1. आधुनिक जीवनशैली का भारतीय शहरी समाज पर प्रभावसमकालीन भारतीय शहरों में जीवनशैली में तेजी से बदलाव आ रहा है। आर्थिक विकास, वैश्वीकरण और तकनीकी प्रगति ने भारतीय शहरी समाज…