वास्तु अनुसार शयनकक्ष में पौधों और चित्रों का स्थान निर्धारण

वास्तु अनुसार शयनकक्ष में पौधों और चित्रों का स्थान निर्धारण

विषय सूची

शयनकक्ष में पौधों का महत्व और उपयुक्त प्रकार

शयनकक्ष, यानि बेडरूम, हमारे घर का वह स्थान है जहाँ हम दिनभर की थकान के बाद आराम करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, शयनकक्ष में पौधे लगाने से न केवल वहां की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहती है। पौधे वायु को शुद्ध करने में मदद करते हैं और वातावरण को ताजगी प्रदान करते हैं। परंतु हर पौधा शयनकक्ष के लिए उपयुक्त नहीं होता। कुछ खास पौधे ही इस स्थान के लिए वास्तु के अनुसार अनुकूल माने जाते हैं।

शयनकक्ष में पौधे क्यों महत्वपूर्ण हैं?

  • पौधे वातावरण को प्राकृतिक बनाते हैं और मन को शांत रखते हैं।
  • कुछ विशेष पौधे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाते हैं जिससे नींद में सुधार होता है।
  • यह तनाव कम करने और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने में सहायक होते हैं।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में पौधों का स्थान तय करना बहुत जरूरी है।

वास्तु अनुसार शयनकक्ष के लिए उपयुक्त पौधों की सूची

पौधे का नाम लाभ वास्तु अनुसार दिशा
मनी प्लांट (Money Plant) समृद्धि लाता है, हवा को शुद्ध करता है दक्षिण-पूर्व (South-East)
एलोवेरा (Aloe Vera) स्वास्थ्य लाभ, वातावरण को ताजगी देता है पूर्व या उत्तर (East or North)
लैवेंडर (Lavender) तनाव कम करता है, अच्छी नींद लाता है पश्चिम (West)
स्नेक प्लांट (Snake Plant) रात में ऑक्सीजन छोड़ता है, वायु शुद्ध करता है पूर्व (East)
बांस का पौधा (Lucky Bamboo) सकारात्मक ऊर्जा लाता है, सौभाग्य बढ़ाता है उत्तर-पूर्व (North-East)

क्या बचना चाहिए?

  • कटे-फटे या काँटेदार पौधे जैसे कैक्टस को शयनकक्ष में नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये वास्तु दोष उत्पन्न कर सकते हैं।
  • बहुत बड़े गमलों या भारी पौधों से भी बचना चाहिए।
  • सूखे या मुरझाए हुए पौधे तुरंत हटा दें, ये नकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।
संक्षेप में:

शयनकक्ष में सही प्रकार के पौधों का चयन और उन्हें उचित दिशा में रखना वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके स्वास्थ्य एवं मानसिक शांति के लिए फायदेमंद होता है। उपरोक्त तालिका से आप अपने कमरे के लिए उपयुक्त पौधे चुन सकते हैं और उन्हें सही स्थान पर स्थापित कर सकते हैं।

2. चित्रों का शयनकक्ष में स्थान और प्रभाव

शयनकक्ष में चित्र लगाने के वास्तु अनुसार नियम

वास्तु शास्त्र के अनुसार, शयनकक्ष में लगाए गए चित्र न केवल कमरे की शोभा बढ़ाते हैं बल्कि आपके मन और आत्मा पर गहरा प्रभाव भी डालते हैं। सही प्रकार के चित्र आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और वातावरण को शांत एवं सुखद बनाते हैं।

शयनकक्ष में कौन से चित्र लगाना चाहिए?

चित्र का प्रकार स्थान प्रभाव
प्राकृतिक दृश्य (झील, पर्वत, फूल) पलंग के सामने या पूर्वी दीवार पर शांति, सकारात्मकता, तनाव कम करता है
पति-पत्नी की तस्वीर दक्षिण-पश्चिम दीवार पर वैवाहिक संबंधों में मधुरता व प्रेम बढ़ाता है
मूल्यवान आदर्शों वाले प्रेरणादायक उद्धरण कमरे के प्रवेश द्वार के पास या उत्तर दिशा में सकारात्मक सोच को प्रोत्साहित करता है
धार्मिक या आध्यात्मिक चित्र (जैसे भगवान श्रीकृष्ण) पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में मानसिक शांति एवं अध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है
सुंदर पक्षियों के जोड़े (जैसे हंस या तोते) पलंग के पास या दक्षिण दिशा में रिश्तों में सामंजस्य बढ़ाता है

शयनकक्ष में किन चित्रों से बचना चाहिए?

  • युद्ध, हिंसा या दुखद भावनाओं वाले चित्र नहीं लगाने चाहिए क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं।
  • एकाकी व्यक्ति या अकेलेपन दर्शाने वाले चित्र भी शयनकक्ष के लिए उचित नहीं माने जाते।
  • जंगली जानवर, डूबती नाव या सूखे वृक्ष जैसे चित्र से भी बचना चाहिए।
चित्रों का मानसिक और आध्यात्मिक प्रभाव

शयनकक्ष में उपयुक्त चित्र लगाने से मन शांत रहता है, नींद अच्छी आती है और रिश्तों में प्रेम बना रहता है। धार्मिक अथवा प्राकृतिक दृश्य मानसिक तनाव कम करने, सकारात्मक ऊर्जा लाने और अध्यात्मिक उन्नति में सहायक होते हैं। इस प्रकार वास्तु के अनुसार चयनित चित्र शयनकक्ष को सुंदर ही नहीं बनाते, बल्कि आपके जीवन को भी संतुलित करते हैं।

पौधों और चित्रों की दिशा का निर्धारण

3. पौधों और चित्रों की दिशा का निर्धारण

शयनकक्ष में वास्तु के अनुसार पौधों और चित्रों को सही दिशा में रखना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे न केवल सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, बल्कि शांति और सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। इस अनुभाग में हम दिशाओं के अनुसार पौधों और चित्रों को कहाँ रखा जाए इसकी जानकारी देंगे, जैसे कि उत्तर, दक्षिण, पूर्व या पश्चिम दिशा में उनका स्थान। नीचे दी गई तालिका में विस्तार से बताया गया है:

पौधों के लिए उपयुक्त दिशा

दिशा पौधे रखने की सलाह
उत्तर (North) छोटे गमले वाले हरे पौधे यहाँ रख सकते हैं, यह धन और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।
पूर्व (East) फूलदार पौधे या तुलसी का पौधा यहाँ रखना शुभ होता है, यह घर में ताजगी और सकारात्मकता बढ़ाता है।
दक्षिण (South) इस दिशा में कांटेदार या भारी पत्तों वाले पौधे न रखें, क्योंकि यह नेगेटिविटी ला सकते हैं।
पश्चिम (West) यहाँ छोटे आकार के सजावटी पौधे रख सकते हैं, लेकिन जलयुक्त पौधे (जैसे मनी प्लांट) न रखें।

चित्रों के लिए उपयुक्त दिशा

दिशा चित्र लगाने की सलाह
उत्तर (North) जल से संबंधित चित्र जैसे झरना या नदी के दृश्य यहाँ लगाए जा सकते हैं, यह तरक्की का प्रतीक होते हैं।
पूर्व (East) सूर्योदय या प्रकृति से जुड़े चित्र यहाँ लगाना शुभ माना जाता है, यह नई ऊर्जा देता है।
दक्षिण (South) पूर्वजों या परिवार के सदस्यों के फोटो इस दिशा में लगाए जा सकते हैं, परन्तु युद्ध या उदासी दर्शाने वाले चित्र नहीं लगाने चाहिए।
पश्चिम (West) मनोरम प्राकृतिक दृश्य या बच्चों की खुशियों से जुड़े चित्र यहाँ लगाए जा सकते हैं।

कुछ अन्य सुझाव:

  • शयनकक्ष में कांटेदार पौधे, जैसे कैक्टस, नहीं रखने चाहिए। इससे तनाव बढ़ सकता है।
  • बहुत गहरे रंग वाले या उदासी वाले चित्र शयनकक्ष में नहीं लगाने चाहिए। हल्के रंग व सुंदर दृश्य अधिक शुभ माने जाते हैं।
  • पौधों को खिड़की के पास रखना उत्तम रहता है जिससे उन्हें पर्याप्त रोशनी मिल सके।
  • यदि बेड के ठीक ऊपर कोई बड़ा चित्र लगाना हो तो वह हल्के रंग व सकारात्मक संदेश देने वाला होना चाहिए।

4. सावधानियाँ और निषेध

शयनकक्ष में पौधों का चयन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर पौधा शयनकक्ष के लिए उपयुक्त नहीं होता। कुछ पौधे रात में कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं, जिससे नींद पर असर पड़ सकता है। वहीं, कुछ पौधों की ऊर्जा शयनकक्ष के वातावरण को नकारात्मक बना सकती है। नीचे दिए गए तालिका में ऐसे पौधों की सूची दी गई है जिन्हें शयनकक्ष में नहीं रखना चाहिए:

पौधे का नाम कारण
कैक्टस (Cactus) इसके कांटे नकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और तनाव उत्पन्न कर सकते हैं।
बोन्साई (Bonsai) रुकी हुई वृद्धि दर्शाता है, जिससे जीवन में प्रगति रुक सकती है।
रात में खुशबू देने वाले फूल (जैसे रात्रि-रानी) कुछ लोगों को इनकी तेज़ खुशबू से सिरदर्द या बेचैनी हो सकती है।
मिल्क सीपिंग प्लांट्स (जैसे मनी प्लांट का दूधिया रस) इनका रस हानिकारक होता है और ये बच्चों के लिए भी सुरक्षित नहीं होते।

शयनकक्ष में चित्रों के चयन की सावधानियाँ

वास्तु अनुसार, बेडरूम में लगाए जाने वाले चित्र आपके मन और रिश्तों पर प्रभाव डालते हैं। नीचे कुछ ऐसे चित्रों का विवरण दिया गया है जिन्हें शयनकक्ष में लगाने से बचना चाहिए:

चित्र का प्रकार निषेध का कारण
युद्ध या लड़ाई के दृश्य ऐसे चित्र अशांति और तनाव को बढ़ाते हैं।
अकेलेपन या दुःख दिखाने वाले चित्र नकारात्मकता और उदासी का संचार करते हैं।
बहुत भारी या डरावने मास्क, मूर्तियाँ या चेहरे ये डरावना माहौल बनाते हैं, जिससे नींद खराब हो सकती है।
जल प्रपात या बहता पानी दर्शाने वाले चित्र (विशेषकर सिरहाने) आर्थिक अस्थिरता का प्रतीक माने जाते हैं।

भारतीय पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार दिशा का भी रखें ध्यान:

  • पूर्व या उत्तर दिशा में ही हल्के रंगों वाले सकारात्मक चित्र लगाएँ। पश्चिम या दक्षिण दिशा में नकारात्मक या भारी चित्र न लगाएँ।
  • शयनकक्ष की उत्तर-पूर्व दिशा में भारी पौधे या तस्वीरें लगाने से बचें क्योंकि यह मानसिक शांति में बाधा डाल सकता है।
सारांश:

वास्तु के अनुसार, शयनकक्ष में पौधों और चित्रों के चुनाव तथा उनकी दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि घर में सुख-शांति बनी रहे और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। सही चयन से न सिर्फ नींद बेहतर होती है बल्कि रिश्तों में भी मधुरता आती है।

5. सकारात्मक ऊर्जा के लिए सुझाव

यहाँ वास्तु के अनुसार ऐसे सुझाव दिए जाएंगे, जिनसे शयनकक्ष में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति बनी रहे।

पौधों का स्थान निर्धारण

वास्तु शास्त्र के अनुसार शयनकक्ष में पौधों को रखने का सही तरीका बहुत जरूरी है। हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में छोटे हरे पौधे रखें, इससे कमरे में ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा आती है। बड़े या काँटेदार पौधे, जैसे कि कैक्टस, शयनकक्ष में नहीं रखने चाहिए क्योंकि ये नकारात्मकता ला सकते हैं।

पौधा स्थान (दिशा) लाभ
मनी प्लांट उत्तर-पूर्व कोना समृद्धि और धन
एलोवेरा पूर्व दिशा स्वास्थ्य लाभ और ताजगी
लिली या जैस्मिन उत्तर दिशा सुगंध एवं शांति

चित्रों का स्थान निर्धारण

शयनकक्ष की दीवारों पर चित्र लगाते समय भी वास्तु के नियमों का पालन करें। खुशहाल परिवार, प्राकृतिक दृश्य, फूलों या शांतिपूर्ण झील के चित्र लगाने से मन को सुकून मिलता है और वातावरण सकारात्मक रहता है। कभी भी युद्ध, दुख या अकेलेपन वाले चित्र शयनकक्ष में न लगाएँ।

चित्र लगाने के लिए उचित दिशाएँ:

चित्र प्रकार दिशा/स्थान वास्तु लाभ
प्राकृतिक दृश्य या फूलों के चित्र पूर्व या उत्तर दीवार मन प्रसन्न और तनाव कम होता है
परिवार की फोटो (खुशहाल) दक्षिण-पश्चिम दीवार परिवार में प्रेम बढ़ता है
भगवान का चित्र (शांत मुद्रा में) पूर्व दिशा की दीवार पर सिरहाने नहीं लगाएं आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है
कुछ और महत्वपूर्ण सुझाव:
  • रात को सोते समय पौधों को सिरहाने के पास न रखें, इससे ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
  • बेडरूम में अधिक रंगीन और भारी पेंटिंग्स से बचें, हल्के रंगों और शांत तस्वीरों का चयन करें।
  • टूटे हुए या फटे चित्र-पौधे तुरंत हटा दें, यह वास्तु दोष पैदा करते हैं।

इन आसान और प्रभावी वास्तु टिप्स को अपनाकर अपने शयनकक्ष में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें।