नॉर्थईस्ट कॉर्नर में बोरवेल और वॉटर टैंक बनाने के फायदे और सावधानियाँ

नॉर्थईस्ट कॉर्नर में बोरवेल और वॉटर टैंक बनाने के फायदे और सावधानियाँ

विषय सूची

वास्तु शास्त्र में नॉर्थईस्ट कॉर्नर का महत्व

भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व कोना (ईशान कोण) घर में शुद्धता, सकारात्मकता और समृद्धि का स्रोत माना जाता है। यह दिशा जल तत्व से जुड़ी हुई है, इसलिए यहां पर बोरवेल या वॉटर टैंक बनाना शुभ माना जाता है। नॉर्थईस्ट कॉर्नर को देवताओं का स्थान भी कहा जाता है, जहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार सबसे अधिक होता है।

नॉर्थईस्ट कॉर्नर में बोरवेल और वॉटर टैंक रखने के लाभ

लाभ विवरण
सकारात्मक ऊर्जा इस क्षेत्र में जल स्रोत होने से घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है।
आर्थिक समृद्धि धार्मिक मान्यता के अनुसार यहां पानी होने से परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
स्वास्थ्य लाभ यह दिशा स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी उत्तम मानी जाती है।
परिवार में सुख-शांति घर के सभी सदस्यों के संबंध मधुर रहते हैं और आपसी तालमेल बेहतर होता है।

भारतीय संदर्भ में सावधानियाँ

  • बोरवेल या वॉटर टैंक बिल्कुल ईशान कोण यानी नॉर्थईस्ट कॉर्नर में ही बनवाएं। किसी अन्य दिशा में रखने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है।
  • टैंक या बोरवेल की सफाई और देखभाल नियमित रूप से करें ताकि जल शुद्ध और स्वच्छ बना रहे।
  • अगर भूमि के स्तर में फर्क हो तो नॉर्थईस्ट कॉर्नर को बाकी हिस्से से नीचा रखना चाहिए, जिससे जल बहाव इसी ओर हो सके।
  • कभी भी किचन, टॉयलेट या स्टोर रूम इस दिशा में न बनवाएं, इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • भवन निर्माण से पहले वास्तु विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें, ताकि सही जगह का चयन किया जा सके।
भारत में आमतौर पर अपनाए जाने वाले वास्तु टिप्स:
  • नॉर्थईस्ट दिशा को हमेशा खुला और हल्का रखें। भारी सामान इस क्षेत्र में नहीं रखें।
  • अगर संभव हो तो यहां एक छोटा सा मंदिर या पूजा स्थल भी बना सकते हैं। यह शुभ माना जाता है।
  • घर के मुख्य द्वार से नॉर्थईस्ट कॉर्नर तक पहुंच आसान रखें, इससे ऊर्जा का प्रवाह बाधित नहीं होता।

2. नॉर्थईस्ट में बोरवेल और वॉटर टैंक बनाने के फायदे

नॉर्थईस्ट दिशा का महत्व

भारतीय वास्तुशास्त्र में नॉर्थईस्ट, जिसे ईशान कोण कहा जाता है, को सबसे पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा देने वाली दिशा माना जाता है। इस दिशा में पानी से जुड़ी चीज़ें जैसे बोरवेल या पानी का टैंक बनाना शुभ माना जाता है।

मुख्य फायदे

फायदा विवरण
सुख-शांति इस दिशा में बोरवेल या पानी का टैंक रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जिससे परिवार के सदस्यों में आपसी तालमेल और शांति रहती है।
मानसिक तरक्की नॉर्थईस्ट में जल स्रोत होने से मानसिक स्पष्टता और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पढ़ाई और करियर दोनों में तरक्की मिलती है।
आर्थिक लाभ यह दिशा धन की वृद्धि और स्थिरता के लिए भी जानी जाती है। यहाँ पर पानी का टैंक रखने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
बीमारियों से बचाव नॉर्थईस्ट में शुद्ध जल स्रोत होने से घर के लोग स्वस्थ रहते हैं और बीमारियाँ कम होती हैं।
पारिवारिक समृद्धि घर के सभी सदस्यों की उन्नति और पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए यह उपाय बेहद फायदेमंद है।

व्यावहारिक उदाहरण

  • अगर घर के नॉर्थईस्ट कोने में बोरवेल बनाया गया हो, तो वहां अक्सर ताजगी और ठंडक महसूस होती है। यह जगह ध्यान (मेडिटेशन) या पूजा के लिए भी उपयुक्त मानी जाती है।
  • बहुत से भारतीय परिवारों ने अनुभव किया है कि नॉर्थईस्ट में पानी का टैंक रखने से बच्चों की पढ़ाई में मन लगता है और उनका प्रदर्शन बेहतर होता है।
  • कुछ क्षेत्रों में इसे लक्ष्मी का स्थान भी माना जाता है, जहाँ जल की उपस्थिति से धन की कभी कमी नहीं रहती।
ध्यान देने योग्य बातें:
  • बोरवेल या टैंक हमेशा नॉर्थईस्ट कोने की दीवार से थोड़ा हटकर बनवाएं ताकि दीवार को कोई नुकसान ना हो।
  • जल स्रोत साफ-सुथरा और स्वच्छ रखें, इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
  • अगर संभव हो तो इस जगह पर तुलसी का पौधा भी लगा सकते हैं, जिससे घर में शुद्धता और ऊर्जा बनी रहेगी।

इस दिशा में बोरवेल और पानी का टैंक बनाने से घर में सुख-शांति, मानसिक तरक्की और आर्थिक लाभ प्राप्त होते हैं। वास्तु के अनुसार यह स्थान देवताओं का वास स्थल माना गया है, इसलिए यहाँ किसी भी तरह का जल स्रोत रखना बहुत ही शुभ होता है।

रखने योग्य ज़रूरी सावधानियाँ

3. रखने योग्य ज़रूरी सावधानियाँ

नॉर्थईस्ट कॉर्नर में बोरवेल और वॉटर टैंक बनाते समय ध्यान देने वाली बातें

जब भी आप अपने घर या प्लॉट के नॉर्थईस्ट (ईशान कोण) में बोरवेल या वॉटर टैंक बनवाने की सोच रहे हैं, तो कुछ अहम बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सही दिशा में जल स्रोत बनाने से जहां परिवार में सुख-समृद्धि आती है, वहीं अगर छोटी-छोटी सावधानियां न बरती जाएं, तो समस्याएं भी आ सकती हैं।

जल स्रोत की गहराई का महत्व

इस क्षेत्र में बोरवेल या कुआं खुदवाते समय उसकी गहराई का विशेष ध्यान रखें। जमीन के अंदर पानी की लेयर कितनी गहरी है, इसका पता स्थानीय विशेषज्ञों से जरूर करवाएं। ज्यादा गहरा या ज्यादा उथला बोरवेल होने पर जल सप्लाई प्रभावित हो सकती है और पानी जल्दी खत्म भी हो सकता है।

टैंक का स्थान कैसा हो?

वॉटर टैंक हमेशा नॉर्थईस्ट कॉर्नर के खुले हिस्से में बनाना चाहिए, ताकि सूर्य की किरणें वहां आसानी से पहुंच सकें। इससे पानी शुद्ध और ताजा रहता है। टैंक को छत या ग्राउंड लेवल पर रखते समय यह देख लें कि वह घर के किसी भारी स्ट्रक्चर के नीचे न आए।

सफाई का ध्यान क्यों जरूरी?

बोरवेल और वॉटर टैंक दोनों की सफाई समय-समय पर करना बहुत जरूरी है। गंदा पानी बीमारियों का कारण बन सकता है। नीचे दिए गए तालिका में सफाई से जुड़ी कुछ जरूरी बातें दी गई हैं:

सावधानी क्या करें? कितने समय बाद?
बोरवेल की सफाई प्रोफेशनल मदद लें, कैमिकल्स का प्रयोग ना करें हर 6 महीने में
टैंक की सफाई पानी निकालकर ब्रश और साबुन से अच्छी तरह साफ करें हर 1-2 महीने में
लीकेज चेक करना पाइपलाइन और टैंक की जाँच करें कि कहीं लीकेज तो नहीं है हर 3 महीने में
स्थानीय मौसम और मिट्टी की जाँच भी जरूरी

मौसम के अनुसार बारिश, सूखा या मिट्टी का प्रकार भी बोरवेल और टैंक के निर्माण पर असर डालता है। विशेषज्ञों से सलाह लेकर ही निर्माण कार्य शुरू करें ताकि भविष्य में परेशानी न हो। इस तरह इन सावधानियों को अपनाकर आप अपने घर के लिए शुभ और स्वच्छ जल स्रोत सुनिश्चित कर सकते हैं।

4. भारतीय पारंपरिक अनुभव और आम मान्यताएँ

लोकल समुदायों के अनुभव

भारत के कई हिस्सों में, खासकर ग्रामीण इलाकों में, लोग वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को अपने घर या भवन निर्माण में अपनाते हैं। नॉर्थईस्ट कॉर्नर (ईशान कोण) को जल स्रोत जैसे बोरवेल या वॉटर टैंक रखने के लिए शुभ माना जाता है। पुराने समय से लोग मानते आ रहे हैं कि इस दिशा में जल स्रोत रखने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ रहते हैं।

पारंपरिक कहावतें और मान्यताएँ

भारतीय समाज में ऐसी कई कहावतें प्रचलित हैं जो उत्तर-पूर्व कोने में जल स्रोत रखने की सलाह देती हैं। कुछ प्रमुख मान्यताएँ नीचे दी गई तालिका में देख सकते हैं:

कहावत/मान्यता अर्थ/महत्व
“ईशान कोण में पानी, लाए घर में खुशहाली” उत्तर-पूर्व कोने में जल स्रोत रखने से समृद्धि आती है
“उत्तर-पूर्व का पानी, रोग-दोष सब हारी” इस दिशा में पानी रखने से बीमारियाँ दूर होती हैं
“जल का सही स्थान, बढ़ाए जीवन का सम्मान” सही दिशा में जल स्रोत जीवन स्तर को ऊँचा करता है

स्थानीय परंपराओं की भूमिका

लोकल समुदायों के बुजुर्ग एवं परंपरागत कारीगर अक्सर सलाह देते हैं कि बोरवेल या वॉटर टैंक बनवाने से पहले वास्तु विशेषज्ञ की राय लें। वे बताते हैं कि यदि जल स्रोत गलत दिशा में बना तो परिवार को मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानी या स्वास्थ्य संबंधित समस्या हो सकती है। इसलिए आज भी बहुत सारे लोग भवन निर्माण के दौरान इन पारंपरिक अनुभवों का ध्यान रखते हैं।

लाभ और सावधानियाँ: स्थानीय दृष्टिकोण
लाभ (फायदे) सावधानियाँ (ध्यान देने योग्य बातें)
घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है बोरवेल खुदाई करते समय सरकारी नियमों का पालन करें
परिवार के सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है जल स्रोत कभी भी शौचालय या सीवर लाइन के पास न बनवाएँ
आर्थिक स्थिति मजबूत होती है बिल्डिंग की नींव पर असर न पड़े, इसका ध्यान रखें
मानसिक तनाव कम रहता है नॉर्थईस्ट कॉर्नर हमेशा साफ और खुला रखें

इस प्रकार, भारतीय पारंपरिक अनुभव और लोकल समुदायों की मान्यताएँ उत्तर-पूर्व कोने में बोरवेल और वॉटर टैंक बनाने के पक्ष में स्पष्ट रूप से दिखती हैं। ये विश्वास पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे हैं और आज भी लोगों द्वारा माने जाते हैं।

5. व्यावहारिक सुझाव और जरूरी चेतावनियाँ

बोरवेल और वॉटर टैंक बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

नॉर्थईस्ट (ईशान कोण) में बोरवेल और वॉटर टैंक बनाना वास्तु शास्त्र के अनुसार शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, लेकिन कुछ व्यावहारिक बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। नीचे दिए गए सुझाव आपके लिए मददगार हो सकते हैं:

सुझाव महत्व
सही स्थान का चयन बोरवेल और वॉटर टैंक को ठीक उत्तर-पूर्वी कोने में बनाएं ताकि वास्तु दोष न बने।
गहराई और मजबूती बोरवेल की गहराई पर्याप्त रखें और दीवारें मजबूत बनवाएं, जिससे पानी की गुणवत्ता बनी रहे।
जल निकासी की व्यवस्था ओवरफ्लो या लीकेज से बचने के लिए जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन स्थानीय नगर निगम एवं सरकार द्वारा तय किए गए नियमों का पालन अवश्य करें। अनाधिकृत खुदाई से बचें।
पानी की गुणवत्ता की जांच समय-समय पर पानी की गुणवत्ता जांचना न भूलें, ताकि परिवार का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।

जरूरी चेतावनियाँ जो हमेशा याद रखें

  • बोरवेल और वॉटर टैंक के पास किसी भी प्रकार का कचरा या रसायन इकट्ठा न होने दें। इससे पानी दूषित हो सकता है।
  • निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करें, खासकर बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा का ध्यान रखें।
  • अगर जमीन पर पहले से कोई पुराना कुआं या टंकी हो, तो उसे अच्छी तरह ढक कर ही नया निर्माण करें।
  • अपने घर के वास्तु को संतुलित रखने के लिए पेशेवर सलाह लें और सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन अवश्य करें। ऐसा करने से आपका घर खुशहाल एवं सुरक्षित रहेगा।