1. स्वागत कक्ष में दीवारों की सजावट का वास्तु में महत्व
स्वागत कक्ष का वास्तु दृष्टिकोण से महत्व
भारतीय संस्कृति में स्वागत कक्ष यानी ड्रॉइंग रूम घर का वह स्थान है जहाँ मेहमानों का स्वागत किया जाता है और परिवार के सदस्य एक साथ समय बिताते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस स्थान की दीवारों की सजावट और चित्रकला हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। सही रंग, आकृति और चित्र न केवल घर को सुंदर बनाते हैं बल्कि सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और धन को भी आकर्षित करते हैं।
वास्तु अनुसार दीवारों पर चित्रकला और सजावट का प्रभाव
सजावट / चित्रकला | वास्तु में महत्व | जीवन पर प्रभाव |
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प्राकृतिक दृश्यों की पेंटिंग | उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में लगाना शुभ होता है | मन को शांति, सकारात्मक सोच और उन्नति |
मोर या हंस की तस्वीरें | सद्भावना और समृद्धि लाती हैं | परिवार में प्रेम, सौहार्द और सम्पन्नता |
जलधारा (फाउंटेन या जलप्रपात) | उत्तर दिशा में लगाना लाभकारी होता है | धन की आवक बढ़ती है, मानसिक तनाव कम होता है |
भगवान गणेश या लक्ष्मी जी की तस्वीरें | मुख्य द्वार के पास रखना शुभ माना जाता है | शुभता, समृद्धि एवं बाधाओं का निवारण |
गहरे रंगों से बचना (जैसे लाल या काले रंग) | नकारात्मक ऊर्जा को रोकना | तनाव व क्रोध से बचाव, मानसिक शांति बनी रहती है |
कैसे करें स्वागत कक्ष की दीवारों की सजावट?
स्वागत कक्ष की दीवारों को हल्के और सुखद रंगों से पेंट करें जैसे कि हल्का पीला, हल्का नीला या क्रीम कलर। इन रंगों से वातावरण में ताजगी आती है। दीवारों पर ऐसी पेंटिंग्स या तस्वीरें लगाएँ जिनमें प्रकृति, परिवारिक प्रेम या धार्मिक प्रतीक दर्शाए गए हों। इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और घर के सदस्यों के बीच प्रेम व सौहार्द बना रहता है। वास्तु शास्त्र मानता है कि सुंदर, संतुलित और सकारात्मक चित्रकला से धन, स्वास्थ्य एवं सुख-समृद्धि बढ़ती है।
2. दीवारों के लिए शुभ रंग और दिशा का चयन
स्वागत कक्ष में दीवारों की सजावट और चित्रकला वास्तु शास्त्र के अनुसार बहुत महत्व रखती है। सही रंग और दिशा का चयन न केवल कक्ष की सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करता है। यहां यह बताया जायेगा कि स्वागत कक्ष की दीवारों पर कौन से रंग और चित्र बना सकते हैं, और किस दिशा में कौन सी सजावट सबसे अनुकूल मानी जाती है, ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
दीवारों के शुभ रंग
वास्तु के अनुसार स्वागत कक्ष में हल्के और सुखदायक रंग सबसे अच्छे माने जाते हैं। नीचे दिए गए तालिका में दिशाओं के अनुसार उपयुक्त रंग बताए गए हैं:
दिशा | अनुकूल रंग |
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पूर्व (East) | हल्का नीला, हरा |
उत्तर (North) | हल्का हरा, सफेद |
पश्चिम (West) | क्रीम, हल्का ग्रे |
दक्षिण (South) | हल्का गुलाबी, आड़ू रंग |
दक्षिण-पूर्व (South-East) | हल्का नारंगी या क्रीम |
उत्तर-पश्चिम (North-West) | सॉफ्ट ग्रे, क्रीम व्हाइट |
उत्तर-पूर्व (North-East) | हल्का पीला, सफेद |
दक्षिण-पश्चिम (South-West) | मिट्टी का रंग, लाइट ब्राउन |
चित्रकला एवं सजावट की दिशा का चयन
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अलग-अलग दिशाओं में अलग-अलग प्रकार की चित्रकला या सजावट लगाना शुभ होता है। इससे घर में खुशहाली और समृद्धि आती है। नीचे दी गई तालिका को देखें:
दिशा | सजावट/चित्रकला के सुझाव |
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पूर्व (East) | उगते सूर्य या प्राकृतिक दृश्य वाली पेंटिंग्स लगाएं। यह नई शुरुआत और ताजगी का प्रतीक है। |
उत्तर (North) | जल से संबंधित चित्र या बहती नदी की तस्वीरें रखें; यह धन और उन्नति लाती हैं। |
पश्चिम (West) | फैमिली फोटोज़ या समूह की तस्वीरें लगाएं; इससे रिश्तों में मजबूती आती है। |
दक्षिण (South) | गुलाब या लाल फूलों की कलाकृति रखें; यह ऊर्जा व आत्मविश्वास बढ़ाता है। |
उत्तर-पूर्व (North-East) | भगवान गणेश या लक्ष्मी जी की तस्वीरें या धार्मिक कलाकृतियां रखें; यह शुभता लाती हैं। |
दक्षिण-पश्चिम (South-West) | पर्वत या स्थिर प्रकृति वाले चित्र लगाएं; इससे स्थायित्व आता है। |
दक्षिण-पूर्व (South-East) | लाल या नारंगी रंग के फूलों की पेंटिंग्स रखें; यह सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं। |
उत्तर-पश्चिम (North-West) | सफ़ेद कबूतर या उड़ते पक्षियों के चित्र लगाएं; यह मित्रता व सहकारिता को बढ़ावा देता है। |
कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- स्वागत कक्ष की दीवारों पर अत्यधिक गहरे या डार्क रंगों से बचें, क्योंकि ये नकारात्मकता ला सकते हैं।
- Teeन–चार दीवारों को एक ही थीम में सजाएं ताकि संतुलन बना रहे।
- If possible, खूबसूरत वॉल आर्ट्स या हस्तनिर्मित पारंपरिक भारतीय चित्रों का उपयोग करें।
- Pani ka चित्र हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में ही लगाएँ।
- Bharatiya सांस्कृतिक प्रतीकों जैसे कमल, मयूर आदि का प्रयोग करें जो सौभाग्य के चिन्ह माने जाते हैं।
इस प्रकार आप अपने स्वागत कक्ष में वास्तु अनुरूप रंग व चित्रकला द्वारा सकारात्मक ऊर्जा और सुंदरता दोनों प्राप्त कर सकते हैं। अपनी पसंद और परिवार की रुचि को ध्यान में रखते हुए इन सुझावों का पालन करें और वातावरण को आनंदमय बनाएं।
3. भारतीय संस्कृति के अनुरूप चित्रकला और प्रतीक
स्वागत कक्ष की दीवारों की सजावट भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसी चित्रकला और प्रतीकों का चयन करना चाहिए जो सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का संचार करें। भारतीय परंपरा में कमल, सूर्य, गाय, और आध्यात्मिक चित्रों को विशेष स्थान प्राप्त है। ये प्रतीक न केवल वातावरण को सुंदर बनाते हैं, बल्कि घर में शांति, समृद्धि और सुख-समृद्धि भी लाते हैं।
कमल (Lotus)
कमल भारतीय संस्कृति का पवित्र फूल है। इसे शुद्धता, उन्नति और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक माना जाता है। स्वागत कक्ष में कमल के फूल की चित्रकला लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में प्रेम तथा सौहार्द बना रहता है।
सूर्य (Sun)
सूर्य जीवन शक्ति और ऊर्जा का स्रोत है। दीवारों पर सूर्य की छवि या चित्र लगाना वास्तु के अनुसार अत्यंत शुभ माना गया है। इससे घर में उत्साह, आत्मविश्वास और स्वास्थ्य बना रहता है।
गाय (Cow)
भारतीय परंपरा में गाय को मां का दर्जा प्राप्त है और यह समृद्धि तथा शुभता की प्रतीक मानी जाती है। स्वागत कक्ष में गाय के चित्र लगाने से घर में सुख-शांति आती है और परिवार में आपसी प्रेम बढ़ता है।
आध्यात्मिक चित्र (Spiritual Art)
स्वागत कक्ष की दीवारों पर भगवान श्री गणेश, ओम या अन्य धार्मिक प्रतीकों की चित्रकारी करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण पवित्र रहता है। ये चित्र मन को शांति प्रदान करते हैं तथा हर आगंतुक पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
वास्तु के अनुसार प्रमुख प्रतीकों के लाभ
प्रतीक | अर्थ/महत्व | वास्तु लाभ |
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कमल | शुद्धता एवं उन्नति | सकारात्मक ऊर्जा व प्रेम का संचार |
सूर्य | जीवन शक्ति व ऊर्जा | उत्साह एवं स्वास्थ्य में वृद्धि |
गाय | समृद्धि व शुभता | घर में सुख-शांति एवं समृद्धि |
आध्यात्मिक चित्र | धार्मिक एवं पवित्रता | नकारात्मक ऊर्जा दूर, मन को शांति |
भारतीय स्वागत कक्ष में चित्रों का चयन कैसे करें?
– हमेशा ऐसे चित्र चुनें जो रंगीन हों लेकिन बहुत अधिक चमकीले या तेज न हों।- दीवारों पर धार्मिक या सांस्कृतिक प्रतीकों का स्थान उत्तर-पूर्व दिशा हो तो श्रेष्ठ होता है।- क्रोधित जानवरों, युद्ध या दुखद दृश्यों वाले चित्रों से बचें।- प्राकृतिक दृश्य जैसे कि झरना, फूल या सूर्यास्त भी सकारात्मक वातावरण बनाते हैं।इस प्रकार स्वागत कक्ष की दीवारों पर भारतीय संस्कृति अनुरूप चित्रकला और प्रतीकों का चुनाव कर घर को वास्तु अनुकूल, सुंदर और शुभ बनाया जा सकता है।
4. क्या करें और क्या न करें : दीवारों की सजावट में वास्तु निर्देश
स्वागत कक्ष की दीवारों के लिए उचित चित्र और सजावट
वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्वागत कक्ष (लिविंग रूम) घर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है, जहाँ सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इसलिए यहां की दीवारों पर लगाई जाने वाली तस्वीरें और सजावट विशेष ध्यान से चुननी चाहिए।
क्या करें: सकारात्मक वातावरण के लिए उपयुक्त चित्र
चित्र/सजावट | वास्तु दृष्टिकोण |
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प्राकृतिक दृश्य (झरना, हरियाली, सूर्योदय) | शांति और सुख-समृद्धि को बढ़ावा देते हैं |
फूलों की पेंटिंग्स या पोस्टर | ताजगी एवं आनंद का प्रतीक |
मोर, हंस या गाय जैसे शुभ पशु-पक्षियों के चित्र | शुभता एवं सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं |
परिवार की मुस्कुराती हुई तस्वीरें | सौहार्द्र और प्रेम की भावना को बढ़ाते हैं |
धार्मिक या आध्यात्मिक प्रतीक (ओम, स्वस्तिक) | आध्यात्मिक ऊर्जा और सुरक्षा प्रदान करते हैं |
क्या न करें: जिनसे बचना चाहिए
चित्र/सजावट | कारण |
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युद्ध, लड़ाई, आग या तूफान के दृश्य | नकारात्मकता और तनाव फैलाते हैं |
अकेलेपन, दुख या उदासी दर्शाने वाले चित्र | घर में निराशा का वातावरण बना सकते हैं |
बंद तालाब या सूखी झील की तस्वीरें | वित्तीय रुकावट एवं गतिहीनता का संकेत देती हैं |
भीड़-भाड़ या अत्यधिक व्यस्तता दिखाने वाले चित्र (जैसे ट्रैफिक जाम) | मानसिक अशांति ला सकते हैं |
जानवरों की हिंसक मुद्रा में तस्वीरें (जैसे शेर हमला करता हुआ) | आक्रोश व क्रोध को बढ़ावा देती हैं |
स्थानीय भारतीय संस्कृति के अनुसार सुझाव
- दीवारों पर पारंपरिक वॉरली आर्ट, मधुबनी पेंटिंग्स या रंगोली डिज़ाइन भी शुभ मानी जाती हैं।
- मूर्तियों की जगह केवल सुंदर फ्रेम वाली तस्वीरें लगाएँ ताकि स्थान खुला और हल्का महसूस हो।
- दीवारों पर हल्के रंग जैसे क्रीम, पीला, हल्का नीला या हरा अपनाएं जिससे सकारात्मकता बनी रहे।
नोट:
स्वागत कक्ष में सजावट और चित्रों का चुनाव करते समय सदैव वास्तु शास्त्र के इन सरल नियमों का ध्यान रखें ताकि आपके घर में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
5. स्वागत कक्ष में सजावट के वास्तु अनुकूल उपाय
वास्तु शास्त्र के अनुसार स्वागत कक्ष की सजावट के सरल और व्यावहारिक उपाय
स्वागत कक्ष (Drawing Room या Living Room) घर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है, जहाँ परिवार और मेहमान एक साथ समय बिताते हैं। भारतीय वास्तु परंपराओं के अनुसार यदि इस स्थान को सही तरीके से सजाया जाए, तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। नीचे दिए गए आसान और व्यावहारिक उपायों से आप अपने स्वागत कक्ष को वास्तु अनुरूप सजा सकते हैं:
दीवारों का रंग चुनना
दिशा | अनुकूल रंग |
---|---|
पूर्व दिशा | हल्का हरा, हल्का पीला |
उत्तर दिशा | हल्का नीला, सफेद |
दक्षिण दिशा | हल्का गुलाबी, क्रीम |
पश्चिम दिशा | हल्का ग्रे, ऑफ-व्हाइट |
चित्रकला और दीवार कला का चयन
- स्वागत कक्ष में उगते सूरज, फूल, प्राकृतिक दृश्य या भगवान गणेश की तस्वीरें शुभ मानी जाती हैं।
- अशुभ व नकारात्मक चित्र जैसे युद्ध, रोते हुए चेहरे या डूबता हुआ सूरज लगाने से बचें।
फर्नीचर और सजावट की दिशा
सामग्री | अनुकूल दिशा/स्थान |
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सोफा सेट | दक्षिण या पश्चिम दीवार के पास रखें ताकि बैठने वाले का मुख उत्तर या पूर्व की ओर हो। |
टीवी/एंटरटेनमेंट यूनिट | पूर्व या उत्तर दीवार पर लगाएं। |
लाइटिंग और पौधों का उपयोग
- प्राकृतिक रोशनी अधिकतम आने दें और कृत्रिम लाइट्स में भी पीले या सफेद रंग का प्रयोग करें।
- ताजे फूलों वाले पौधे उत्तर-पूर्व कोने में रखें, सूखे फूल या कांटे वाले पौधों से बचें।
कुछ अतिरिक्त सुझाव:
- स्वागत कक्ष साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित रखें, फालतू सामान जमा न होने दें।
- दरवाजे के सामने आईना लगाने से बचें। आईना उत्तर या पूर्व दीवार पर ही लगाएं।