डाइनिंग एरिया वास्तु के अनुसार कहाँ होना चाहिए

डाइनिंग एरिया वास्तु के अनुसार कहाँ होना चाहिए

विषय सूची

1. डाइनिंग एरिया वास्तु का महत्त्व

भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र को जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। भोजन कक्ष, यानी डाइनिंग एरिया, न केवल परिवार के सदस्यों को एक साथ लाने का स्थान है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन और आपसी संबंधों पर भी गहरा प्रभाव डालता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन करने का स्थान सही दिशा और स्थान पर होने से वहां की ऊर्जा शुद्ध रहती है, जिससे खाने का स्वाद और पाचन दोनों बेहतर होते हैं। जब हम सही स्थान पर बैठकर भोजन करते हैं, तो वह न केवल हमारे शरीर को पोषण देता है, बल्कि परिवार में प्रेम व सामंजस्य भी बढ़ाता है। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि डाइनिंग एरिया वास्तु के अनुसार कहाँ होना चाहिए ताकि पूरे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।

2. डाइनिंग एरिया के लिए आदर्श दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, डाइनिंग एरिया का स्थान घर की समग्र ऊर्जा और सौहार्द को बहुत प्रभावित करता है। सही दिशा में भोजन-कक्ष रखने से परिवार में सुख-शांति और सकारात्मकता बनी रहती है। भारत के पारंपरिक वास्तु ज्ञान में उत्तर (उत्तर दिशा), पूर्व (पूरब दिशा) और पश्चिम (पश्चिम दिशा) को डाइनिंग एरिया के लिए सबसे शुभ माना गया है। इन दिशाओं का चुनाव करते समय स्थानीय वातावरण, जलवायु और पारिवारिक परंपराओं का भी ध्यान रखना चाहिए। नीचे दिए गए तालिका में, डाइनिंग एरिया के लिए आदर्श दिशाओं और उनसे जुड़े लाभों की जानकारी दी गई है:

दिशा लाभ
उत्तर (North) समृद्धि, मानसिक शांति और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देता है
पूर्व (East) स्वास्थ्य, ताजगी और नई ऊर्जा का संचार करता है
पश्चिम (West) पारिवारिक एकता एवं संतुलन बनाए रखता है

विशेषज्ञ मानते हैं कि भोजन-कक्ष का मुख्य द्वार भी इन्हीं शुभ दिशाओं की ओर होना चाहिए ताकि परिवारजन भोजन करते समय सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर सकें। इसके साथ ही, इन दिशाओं में प्राकृतिक रोशनी और ताजगी का प्रवेश अधिक होता है जिससे वातावरण जीवंत बना रहता है। यदि घर की बनावट के अनुसार इन दिशाओं में डाइनिंग एरिया संभव न हो तो वास्तु दोष निवारण के उपाय अपनाए जा सकते हैं।

डाइनिंग टेबल की स्थिति और आकार

3. डाइनिंग टेबल की स्थिति और आकार

भोजन टेबल का स्थान कैसे चुने?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, डाइनिंग टेबल को रखने का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। आदर्श रूप से, भोजन टेबल को घर के पश्चिम, पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है। इन दिशाओं में टेबल रखने से परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम और स्वास्थ्य बना रहता है। ध्यान रखें कि डाइनिंग टेबल मुख्य द्वार के ठीक सामने न हो और ना ही रसोईघर के बिल्कुल पास, ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

टेबल का आकार: आयताकार या वर्गाकार?

वास्तु शास्त्र में डाइनिंग टेबल का आकार भी महत्वपूर्ण है। अधितम आयताकार (Rectangular) या वर्गाकार (Square) डाइनिंग टेबल को श्रेष्ठ माना गया है। गोल या अंडाकार टेबलों की तुलना में ये आकार स्थिरता और संतुलन का प्रतीक हैं तथा परिवार में एकता और समृद्धि को बढ़ाते हैं।

आकार का वास्तु में महत्व

आयताकार टेबल चारों ओर बैठने वालों के बीच सामंजस्य बनाए रखता है, जिससे संवाद बेहतर होता है। वर्गाकार टेबल पर सभी सदस्य बराबर दूरी पर बैठते हैं, जिससे समानता और मेलजोल बढ़ता है। हमेशा यह ध्यान दें कि डाइनिंग टेबल के किनारे तेज धारदार नहीं हों, क्योंकि इससे घर में तनाव और विवाद की संभावना बढ़ती है। साथ ही, टूटे-फूटे या असमतल टेबल का उपयोग न करें, क्योंकि यह वास्तु दोष पैदा करता है और घर की सुख-शांति को प्रभावित कर सकता है।

4. डाइनिंग एरिया में लाइटिंग और रंगों का चयन

भारतीय वास्तु शास्त्र में डाइनिंग एरिया की रोशनी और रंगों का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि प्राकृतिक रोशनी, सौम्य रंगों व प्रकाश का भोजन क्षेत्र में उपयोग भारतीय पारंपरिक दृष्टिकोण से शुभ होता है। इससे घर के सदस्यों के बीच सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है और भोजन भी अधिक स्वादिष्ट लगता है।

प्राकृतिक रोशनी का महत्व

वास्तु के अनुसार, डाइनिंग एरिया में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक रोशनी आना चाहिए। यदि संभव हो तो भोजन क्षेत्र पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए ताकि सूर्य की किरणें सीधे इस स्थान पर पहुंच सकें। इससे न केवल स्वास्थ्य लाभ मिलता है बल्कि वातावरण भी ऊर्जावान बना रहता है।

रंगों का चुनाव

डाइनिंग एरिया के लिए हल्के और शांत रंग जैसे क्रीम, हल्का पीला, हल्का हरा या गुलाबी रंग उत्तम माने जाते हैं। ये रंग मन को शांति देते हैं और परिवारजनों के बीच आपसी प्रेम को बढ़ाते हैं। गहरे या तेज रंगों से बचना चाहिए क्योंकि वे तनाव या बेचैनी पैदा कर सकते हैं। नीचे दी गई तालिका में कुछ अनुशंसित रंग दिए गए हैं:

रंग वास्तु अनुसार प्रभाव
क्रीम/ऑफ-व्हाइट शांति एवं संतुलन
हल्का पीला आनंद एवं सकारात्मकता
हल्का हरा उत्साह एवं ताजगी
हल्का गुलाबी प्यार एवं सामंजस्य

प्रकाश व्यवस्था

डाइनिंग एरिया में सौम्य प्रकाश व्यवस्था रखना श्रेष्ठ होता है। बहुत तेज़ या चमकदार लाइट्स की बजाय गर्म सफेद या पीले टोन की लाइट्स चुनें। यह वातावरण को आरामदायक बनाता है और भोजन करते समय आँखों को भी सुकून देता है। कोशिश करें कि मुख्य लाइट डायरेक्ट टेबल के ऊपर लगे ताकि भोजन साफ-सुथरा और आकर्षक दिखे।

भारतीय पारंपरिक दृष्टिकोण

पारंपरिक भारतीय घरों में अक्सर दीपक या मोमबत्ती जलाकर भोजन क्षेत्र को पवित्र बनाया जाता है। यह रिवाज आज भी कई परिवारों में प्रचलित है क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है और खाने-पीने के माहौल को दिव्यता प्रदान करता है। इस प्रकार, वास्तु शास्त्र के अनुसार सही प्रकाश और रंगों का चयन डाइनिंग एरिया को ऊर्जा व प्रसन्नता से भर देता है।

5. डाइनिंग एरिया की सजावट और धार्मिक चिन्ह

डाइनिंग एरिया के आस-पास पूजा स्थान या धार्मिक चिन्ह का महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार, डाइनिंग एरिया के पास पूजा स्थान या कोई शुभ धार्मिक चिन्ह रखना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और भोजन ग्रहण करते समय मन शांत तथा संतुलित रहता है। यदि संभव हो तो डाइनिंग एरिया के उत्तर-पूर्व दिशा में छोटे मंदिर या पूजा स्थल की व्यवस्था करें। यह दिशा आध्यात्मिक ऊर्जा को आकर्षित करती है और परिवार में सौहार्द बनाए रखने में सहायक होती है।

दीवारों पर सजावट: कौन से चित्र या प्रतीक चुनें?

डाइनिंग एरिया की दीवारों पर धार्मिक प्रतीकों, जैसे ओम (ॐ), स्वस्तिक या भगवान के चित्र लगाना शुभ फलदायक होता है। साथ ही प्राकृतिक दृश्यों या प्रसन्नता दर्शाने वाले चित्र भी यहां लगाए जा सकते हैं। इनसे वातावरण आनंदमय बनता है और तनाव कम होता है। ध्यान रहे कि दीवारों पर हिंसात्मक या उदासी दर्शाने वाले चित्र कभी न लगाएं, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं।

रंगों का चयन भी है महत्वपूर्ण

वास्तु के अनुसार, डाइनिंग एरिया में हल्के रंगों का चयन करना चाहिए जैसे क्रीम, हल्का पीला, हल्का हरा या गुलाबी रंग। ये रंग मानसिक शांति प्रदान करते हैं और भोजन करने वालों के बीच सकारात्मक संवाद को प्रोत्साहित करते हैं। गहरे या बहुत तेज रंगों से बचें क्योंकि वे बेचैनी उत्पन्न कर सकते हैं।

कुछ विशेष टिप्स

डाइनिंग टेबल पर ताजे फूलों की व्यवस्था करना भी शुभ माना जाता है। इससे जीवन में ताजगी और सकारात्मकता आती है। साथ ही, टेबल के आसपास कोई टूटा हुआ सामान या अनुपयोगी वस्तुएं न रखें, इससे वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। एक साफ-सुथरा एवं सुसज्जित डाइनिंग एरिया आपके घर में समृद्धि और खुशहाली लाता है।

6. वास्तु दोष और सुधार के उपाय

अगर भोजन कक्ष उचित दिशा में न हो तो क्या करें?

कई बार घर की बनावट या पूर्व-निर्मित फ्लैट्स के कारण डाइनिंग एरिया को वास्तु के अनुसार सही दिशा में रखना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि कुछ आसान और प्रभावी वास्तु उपायों से आप अपने भोजन कक्ष में ऊर्जा का संतुलन बना सकते हैं।

वास्तु दोष पहचानें

पहला कदम है भोजन कक्ष में उपस्थित वास्तु दोषों की पहचान करना। जैसे – दक्षिण-पश्चिम दिशा में डाइनिंग टेबल होना, बीम के नीचे बैठकर भोजन करना, या भोजन करते समय मुख्य द्वार का सामना करना आदि। ये स्थितियां सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोकती हैं और घर में असंतुलन उत्पन्न कर सकती हैं।

सरल और व्यावहारिक समाधान

1. दर्पण का प्रयोग

यदि आपका भोजन कक्ष सही दिशा में नहीं है तो पूर्व या उत्तर की दीवार पर एक स्वच्छ दर्पण लगाएं, जिससे वह टेबल पर परोसे गए भोजन को परावर्तित करे। यह समृद्धि और ऊर्जा को बढ़ाता है।

2. रंगों का चयन

भोजन कक्ष में हल्के पीले, क्रीम, हल्के हरे या गुलाबी रंग का उपयोग करें। ये रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और वातावरण को शांत रखते हैं।

3. पौधों एवं शुभ चिन्हों का उपयोग

डाइनिंग एरिया में तुलसी या बांस का छोटा पौधा रखें तथा शुभ प्रतीकों (जैसे – स्वस्तिक, ॐ) की तस्वीरें लगाएं, इससे ऊर्जा संतुलित रहती है।

4. क्रिस्टल और वास्तु पिरामिड

टेबल पर क्रिस्टल बॉल या वास्तु पिरामिड रखने से भी सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और वास्तु दोष दूर होते हैं।

भोजन के समय ध्यान रखने योग्य बातें

भोजन करते समय परिवार के सभी सदस्य मिलकर बैठें और मोबाइल या टीवी से दूरी बनाए रखें। भोजन से पहले प्रार्थना करें ताकि सकारात्मकता बनी रहे। इन छोटे-छोटे उपायों से न केवल वास्तु दोष कम होंगे, बल्कि आपके घर का डाइनिंग एरिया सुख-शांति और समृद्धि से भरपूर रहेगा।